अम्बेडकरनगर के जिला अस्पताल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। डॉक्टरों ने एक युवक के पेट से 10 लोहे के रिंच और नट निकालकर हैरतअंगेज ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया। ऑपरेशन के बाद युवक की हालत स्थिर है, और वह जिला अस्पताल में भर्ती है।
युवक का नाम रोशन चौरसिया है, जो मूल रूप से कोलकाता का निवासी है। पिछले कुछ वर्षों से वह अम्बेडकरनगर के इल्फातगंज बाजार में अपनी बहन के घर रह रहा था। शुक्रवार को रोशन पेट में तेज दर्द की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंचा। डॉ. विपिन वर्मा, जो अस्पताल में तैनात हैं, ने जब युवक की जांच शुरू की, तो उन्हें कुछ असामान्य महसूस हुआ। एक्स-रे और सीटी स्कैन कराने पर पता चला कि उसके पेट में लोहे की वस्तुएं हैं।
ऑपरेशन के दौरान हुआ बड़ा खुलासा
सोमवार को जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन शुरू किया, तो उनके सामने एक अनोखा मामला आ गया। युवक के पेट से एक-एक कर 10 बड़े लोहे के रिंच और नट निकाले गए। डॉक्टर इस बात को लेकर हैरान थे कि आखिर युवक ने इतने बड़े लोहे के औजार कैसे निगल लिए।
डॉ. विपिन वर्मा ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और अब मरीज की हालत ठीक है। उन्होंने कहा कि यह घटना एक दुर्लभ मनोवैज्ञानिक बीमारी का नतीजा हो सकती है, जिसे पिका डिसऑर्डर कहते हैं। इस बीमारी में मरीज मिट्टी, प्लास्टिक, बाल, या अन्य अजीब चीजें खाने लगता है। डॉक्टरों के मुताबिक, युवक को इस बीमारी के कारण ही ऐसा करने की आदत पड़ी होगी।
परिवार को नहीं थी कोई जानकारी
रोशन के पिता ने बताया कि कुछ दिनों पहले वह कोलकाता गया था और वहां से लौटने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। पहले उसे कई निजी डॉक्टरों को दिखाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसके पेट में लोहे की वस्तुएं हैं। परिवार को इस पर विश्वास नहीं हुआ। बाद में दूसरे डॉक्टर ने लखनऊ जाने की सलाह दी, लेकिन जिला अस्पताल में ही उसका ऑपरेशन कर दिया गया।
अस्पताल में इस तरह का पहला मामला
अम्बेडकरनगर जिला अस्पताल में इस तरह का यह पहला मामला है। ऑपरेशन में सफलता मिलने के बाद डॉक्टर और अस्पताल का स्टाफ भी हैरान है। मरीज के परिजन भी नहीं समझ पा रहे हैं कि उसने कब और कैसे इतने लोहे के औजार निगल लिए।
डॉक्टरों की मेहनत से बची जान
ऑपरेशन के बाद युवक की हालत अब सामान्य है और वह धीरे-धीरे रिकवरी कर रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मामलों में समय पर इलाज बेहद जरूरी होता है, नहीं तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि सही समय पर की गई चिकित्सा कितनी महत्वपूर्ण होती है।
इस अनोखी घटना ने डॉक्टरों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। जिला अस्पताल के इस सफल ऑपरेशन को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।
