अलीगढ़ में रविवार रात को एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जहां एक दवा व्यापारी के बेटे ने कार के अंदर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना रामघाट रोड स्थित तालानगरी के सर्विस रोड पर हुई। कार अंदर से लॉक थी और मौके पर अवैध पिस्टल बरामद हुई।
घटना का विवरण
मूल रूप से अकराबाद मुख्य बाजार के निवासी राजकुमार यादव, जिन्हें लोग राजू यादव के नाम से जानते हैं, अकराबाद कस्बे में बड़े दवा कारोबारी हैं। वे पिछले एक दशक से क्वार्सी क्षेत्र की कावेरी वाटिका कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके तीन बच्चों में सबसे छोटे बेटे, 22 वर्षीय समीर यादव ने इस घटना को अंजाम दिया।
रविवार शाम, समीर अपने पिता के साथ दुकान से घर लौटा और फिर कार लेकर जिम जाने की बात कहकर निकल गया। रातभर वह घर नहीं लौटा। सोमवार सुबह तालानगरी स्थित संत फिदेलिस स्कूल के पास सर्विस रोड पर खड़ी टाटा नेक्सॉन कार में समीर का शव पाया गया।
कार में मिला शव
स्थानीय लोगों ने सुबह कार के अंदर ड्राइविंग सीट पर समीर को बैठा देखा, लेकिन वह हिल-डुल नहीं रहा था। सूचना मिलने पर क्वार्सी पुलिस, सीओ, और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। गाड़ी अंदर से लॉक होने के कारण परिजनों को बुलाकर दूसरी चाबी मंगवाई गई। गाड़ी खोलने पर समीर का शव ड्राइविंग सीट पर पाया गया। उसके सीने में गोली लगी हुई थी और पास ही एक अवैध पिस्टल पड़ी थी।
कोई सुसाइड नोट नहीं मिला
पुलिस ने घटना स्थल से समीर का मोबाइल और अन्य सामान भी बरामद किया। प्रारंभिक जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या का मामला बताया गया। हालांकि, कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, जिससे आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।
परिवार और सामाजिक पृष्ठभूमि
समीर तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसकी बड़ी बहन और मंझला भाई मंजीत पढ़ाई के लिए दिल्ली में रहते हैं। मंजीत यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। समीर ने 12वीं तक पढ़ाई की थी और वर्तमान में ग्रेजुएशन के साथ पिता के दवा कारोबार में हाथ बंटा रहा था।
समीर का परिवार राजनीतिक और सामाजिक रूप से काफी प्रभावशाली है। उसकी दादी अकराबाद की प्रधान रह चुकी हैं और पिता का समाजवादी पार्टी से करीबी संबंध है। घटना की सूचना मिलने पर सपा और बसपा के कई नेता, दवा व्यापारी, और स्थानीय लोग पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे।
रातभर लौटकर नहीं आया समीर
परिजनों ने बताया कि समीर जिम जाने के बाद अक्सर रात 10 बजे तक घर लौट आता था। रविवार रात जब वह घर नहीं आया, तो परिजनों ने उसे 10 बजे फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। परिवार को लगा कि वह दोस्तों के साथ है। आधी रात को फिर फोन मिलाया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। परिजन मानकर सो गए कि वह कुंभ मेले में दोस्तों के साथ चला गया होगा।
पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार
सोमवार सुबह पुलिस से मिली खबर के बाद परिवार सदमे में आ गया। समीर का शव पोस्टमार्टम के बाद दोपहर में अकराबाद गांव लाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी और बाजार शोक में बंद रखा गया।
हत्या की अफवाह और पुलिस जांच
घटना की शुरुआत में कई राउंड फायरिंग और हत्या की अफवाहें फैलीं, लेकिन पुलिस की जांच ने इसे आत्महत्या का मामला करार दिया। फॉरेंसिक जांच और कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस ने बताया कि समीर ने खुद को गोली मारी थी।
इस घटना ने पूरे इलाके में शोक का माहौल पैदा कर दिया। राजनीतिक और सामाजिक रूप से सक्रिय इस परिवार के बेटे की आत्महत्या से लोग स्तब्ध हैं। हालांकि, समीर ने यह कदम क्यों उठाया, यह सवाल अब भी अनुत्तरित है। परिवार और समाज के लोग इस घटना को लेकर गहरी चिंता जता रहे हैं।
