प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 10 से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल भी हुए हैं। यह भगदड़ दूसरे अमृत स्नान पर्व, मौनी अमावस्या से ठीक पहले हुई, जब लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए उमड़े थे।
प्रधानमंत्री ने लिया हालात का जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस घटना की निगरानी कर रहे हैं। बीते दो घंटों में पीएम मोदी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत कर चुके हैं और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है और सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है।

अखाड़ा परिषद का निर्णय
भगदड़ की खबर मिलते ही अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान को रद्द करने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, बाद में परिषद ने निर्णय लिया कि जब भीड़ नियंत्रित हो जाएगी, तब अखाड़े के साधु-संत संगम स्नान के लिए जाएंगे।
प्रयागराज में बढ़ती भीड़ और सुरक्षा प्रबंधन
इस हादसे के बाद प्रशासन ने संगम क्षेत्र से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग हटा दी है ताकि लोग सुगमता से बाहर निकल सकें। लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं की संगम तट की ओर जाने की कोशिश जारी है। पुलिस और प्रशासन लगातार साधु-संतों की मदद से लोगों से अपील कर रहा है कि वे भीड़भाड़ से बचें और स्थिति सामान्य होने तक संयम बनाए रखें।

अब तक 20 करोड़ श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके
गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब 20 करोड़ लोग गंगा स्नान कर चुके हैं। मौनी अमावस्या पर अकेले 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की उम्मीद थी, जिससे प्रयागराज में अपार भीड़ उमड़ पड़ी।
प्रशासन की चुनौती
महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन में भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। स्थानीय प्रशासन आपदा राहत बल (NDRF), पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। घायलों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
सरकार ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल, प्रशासन लोगों से धैर्य रखने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है।
