महाकुंभ में हुए भगदड़ के हादसे के बाद अखाड़ा परिषद ने बड़ा फैसला लिया है। परिषद ने शाही स्नान को रद्द कर दिया है। हर साल मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर सभी अखाड़ों के साधु-संत शाही स्नान करते हैं, लेकिन इस बार भगदड़ के कारण यह परंपरा निभाई नहीं जा सकेगी।
इससे पहले, श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अखाड़ों को भोर में चार बजे ही स्नान के लिए निकलना था और पांच बजे तक पहला शाही स्नान शुरू हो जाना था। लेकिन अचानक मची भगदड़ के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, जिससे अखाड़ा परिषद ने स्नान को स्थगित करने का निर्णय लिया।
अखाड़ा परिषद ने क्यों लिया स्नान रद्द करने का फैसला?
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम पर स्नान करने पहुंचे हैं। भारी भीड़ को देखते हुए और भगदड़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, “आज जो भगदड़ मची है, उसे देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि आज हम स्नान नहीं करेंगे। पूरे मेला क्षेत्र में करोड़ों श्रद्धालु एकत्रित हैं। स्थिति को देखते हुए सभी से अपील की गई है कि मौनी अमावस्या का स्नान स्थगित कर दिया जाए और अब हम बसंत पंचमी के स्नान की तैयारियां करेंगे।”
रविंद्र पुरी ने आगे कहा, “हमने कल शाम तक सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से बनाई थीं, लेकिन जब अधिक भीड़ उमड़ती है तो कभी-कभी कठिनाइयां बढ़ जाती हैं। जैसे प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, वैसे ही इस समय यहां उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम से श्रद्धालुओं का संगम हो रहा है। हम सभी इस आयोजन से बहुत खुश थे, लेकिन इस अनहोनी को कोई टाल नहीं सकता।”
श्रद्धालुओं से की गई अपील
अखाड़ा परिषद ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे संगम तट पर न जाएं और जहां भी हैं, वहीं स्नान करें। परिषद के अध्यक्ष ने कहा, “हम सभी मृत आत्माओं की शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना करते हैं। हमने ही सभी का आह्वान किया था, इसलिए किसी पर आरोप लगाना उचित नहीं है। हमें सभी का सहयोग चाहिए और इसी भावना के तहत हमने शाही स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया है।”
कैसे हुआ हादसा?
इससे पहले महा निर्वाणी और अटल अखाड़े को सुबह 5:00 बजे संगम नोज पर शाही स्नान करना था। दोनों अखाड़ों का जुलूस पीपा पुल पार कर चुका था, लेकिन अचानक भगदड़ मचने के कारण रामघाट से ही वापस लौटना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, रात दो बजे के आसपास जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान के लिए उमड़ी, तभी भगदड़ मच गई। सैकड़ों लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे कुछ लोगों की मृत्यु हो गई। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन और अखाड़ा परिषद आगे की तैयारियों पर ध्यान दे रही है। अब परिषद का पूरा ध्यान बसंत पंचमी पर होने वाले स्नान की सुरक्षा और आयोजन को सुनिश्चित करने पर होगा। श्रद्धालुओं से भी अपील की गई है कि वे धैर्य बनाए रखें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ के लिए आते हैं। ऐसे में प्रशासन और आयोजन समिति की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि सभी को सुरक्षित और सुगम स्नान की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।