गोरखपुर के सहजनवां के भक्सा गांव में दो किशोरों, प्रिंस और अभिषेक की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना ने हर किसी के दिल को झकझोर दिया है। दोनों बच्चों के शव सरसों के खेत में शुक्रवार सुबह मिले, और हत्या के तरीके ने पुलिस और गांववालों को सकते में डाल दिया।
निर्ममता की हदें पार
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि हत्यारों ने बच्चों को पहले बुरी तरह पीटा और फिर गला रेता। बच्चों के गर्दन पर कम धारदार चाकू से कई बार वार किए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या में शामिल लोगों की संख्या तीन से चार हो सकती है। घटनास्थल पर संघर्ष के निशान इस बात की गवाही देते हैं कि बच्चों ने अपनी जान बचाने की भरपूर कोशिश की थी।
घटनास्थल और शवों की स्थिति
प्रिंस और अभिषेक के शव गांव से करीब एक किलोमीटर दूर सरसों के खेत में मिले। दोनों के हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। शवों के बीच करीब 100 मीटर की दूरी थी। इस निर्ममता ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर हत्यारों ने इतनी क्रूरता क्यों दिखाई।
परिवार का दर्द और गांव का शोक
प्रिंस के पिता राकेश ने बताया कि उनका बेटा 19 जनवरी को अपनी मां के साथ बुआ के घर आया था। वह 22 जनवरी को घर लौटने वाला था, लेकिन रिश्तेदारों के कहने पर एक दिन और रुक गया। बृहस्पतिवार को प्रिंस ने पिता से फोन पर बात की और शुक्रवार को घर आने की बात कही। लेकिन देर शाम उसके लापता होने की सूचना मिली।
दूसरी ओर, अभिषेक के पिता इंद्रेश, जो दिल्ली में कारपेंटर का काम करते हैं, इस खबर से सदमे में हैं। अभिषेक कक्षा पांच का छात्र था और अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। जब उसका शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा, तो पूरा परिवार और गांववालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
दोस्ती बनी मौत की वजह?
प्रिंस और अभिषेक की गहरी दोस्ती थी। दोनों रोज शाम को साइकिल से खेतों की ओर जाते थे। बृहस्पतिवार की शाम भी दोनों इसी रूटीन के तहत निकले थे, लेकिन उसके बाद दोनों घर वापस नहीं लौटे। अगली सुबह उनके शव मिलने की खबर ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया।
पुलिस की जांच और संभावनाएं
पुलिस कई एंगल से इस हत्याकांड की जांच कर रही है। एक संभावना यह भी है कि बच्चों ने किसी गलत काम को देख लिया होगा, जिसकी वजह से उनकी हत्या कर दी गई। एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की।
घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक देसी शराब की दुकान है। वहां के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।
गांव में सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना के बाद गांव में मातम छाया हुआ है। किसी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। अभिषेक और प्रिंस का अंतिम संस्कार पुलिस की निगरानी में किया गया।
पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग
कांग्रेस जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसे नृशंस अपराध दोबारा न हों।
अनुत्तरित सवाल
यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या बच्चों ने किसी गुप्त जानकारी को देखा था? क्या हत्यारे परिवार के ही जानकार थे? क्या यह कोई व्यक्तिगत रंजिश थी? इन सवालों के जवाब पुलिस जांच में मिलेंगे।
गांववालों की उम्मीद
गांव के लोग इस जघन्य अपराध के लिए दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे समाज में ऐसी बर्बरता क्यों हो रही है। बच्चों की हत्या की यह घटना पूरे गोरखपुर के लिए शर्मनाक और दिल दहला देने वाली है।
