उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी है। प्रदेश के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता कम हो गई। लखनऊ समेत विभिन्न इलाकों में बादलों की आवाजाही बनी रही, जिससे तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिणी हरियाणा के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने के कारण यह बदलाव आया है।
फरवरी के पहले दिन से ही प्रदेश में बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। एक फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश कराएगा। यह वर्तमान में पश्चिमी अफगानिस्तान के ऊपर स्थित है। इसके अलावा, तीन फरवरी से एक और विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिससे पूरे प्रदेश में तीन से छह फरवरी के बीच हल्की से मध्यम बारिश होगी। यह विक्षोभ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आएगा, जिससे लगातार तीन दिन तक बारिश की संभावना बनी रहेगी।
मौसम विभाग ने 24 जिलों में घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। बुधवार को प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बादलों की आवाजाही रही और रात में गलन बरकरार रही। तराई क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक घना कोहरा छाया रहेगा।
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि एक फरवरी से सक्रिय होने वाला पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बूंदाबांदी कराएगा। इसके बाद, तीन से छह फरवरी के बीच एक और शक्तिशाली विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
इन जिलों में घने कोहरे की चेतावनी:
सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत व आसपास के क्षेत्र।
