महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने आध्यात्मिकता का मार्ग अपनाते हुए गृहस्थ जीवन का त्याग कर दिया है। अब वह संतों का जीवन व्यतीत करेंगी और किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर का पद संभालेंगी। यह परिवर्तन शुक्रवार को किन्नर अखाड़े के शिविर, सेक्टर 16, प्रयागराज में हुआ, जहां उन्हें भगवा वस्त्र धारण किए हुए देखा गया।
संगम पर पिंडदान और पट्टाभिषेक की प्रक्रिया
संत परंपरा के अनुरूप, ममता कुलकर्णी ने संगम तट पर अपने गृहस्थ जीवन का प्रतीकात्मक अंत करते हुए पिंडदान किया। इस अवसर पर किन्नर अखाड़े द्वारा आयोजित विशेष धार्मिक अनुष्ठान में उन्होंने भाग लिया। अब उन्हें महामंडलेश्वर के रूप में स्थापित करने के लिए पट्टाभिषेक की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
महामंडलेश्वर बनने की औपचारिक घोषणा
किन्नर अखाड़े की ओर से जारी की गई आधिकारिक सूचना के अनुसार, ममता कुलकर्णी का नाम अब श्री यामिनी ममता नंद गिरि होगा। यह नाम उन्हें उनके आध्यात्मिक जीवन के प्रतीक के रूप में दिया गया है। पट्टाभिषेक की यह प्रक्रिया भारतीय संत परंपरा के अनुसार, गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करते हुए आयोजित की जाएगी।
जनसामान्य में उत्सुकता
ममता कुलकर्णी के इस आध्यात्मिक परिवर्तन की जानकारी मिलने के बाद संगम क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक एकत्रित हो गए। उनकी उपस्थिति ने महाकुंभ मेले में एक नया आकर्षण जोड़ दिया है। ममता कुलकर्णी का संन्यास लेना और संत जीवन अपनाना, उनके प्रशंसकों और साधु समाज दोनों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।
फिल्मी जीवन से संत जीवन तक का सफर
ममता कुलकर्णी, जो 1990 के दशक में भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं, अब अपनी पुरानी पहचान को त्यागकर आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर हो चुकी हैं। गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर संत जीवन अपनाना उनकी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
किन्नर अखाड़े का महत्व
किन्नर अखाड़ा, जो 2015 में आधिकारिक तौर पर कुंभ मेले का हिस्सा बना, अब समाज के विभिन्न वर्गों को आध्यात्मिकता से जोड़ने का केंद्र बन चुका है। ममता कुलकर्णी का इस अखाड़े से जुड़ना इसकी प्रासंगिकता और सामाजिक महत्व को और अधिक मजबूत करता है।
ममता कुलकर्णी का यह निर्णय उनकी आध्यात्मिक आकांक्षाओं और सामाजिक कर्तव्यों की दिशा में एक साहसिक कदम है। पट्टाभिषेक के पश्चात, वह आध्यात्मिकता और समाजसेवा के माध्यम से जनहित कार्यों को प्राथमिकता देंगी।