यूपी: 1 फरवरी से राज्यकर्मी ऑनलाइन ही कर सकेंगे छुट्टी के लिए आवेदन, 8.5 लाख कर्मचारियों पर लागू होगा नियम
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अवकाश और सेवा संबंधी प्रक्रियाओं को पूरी तरह से डिजिटल करने का निर्णय लिया है। 1 फरवरी 2025 से सभी राज्यकर्मी छुट्टी के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यह नियम लगभग 8.5 लाख राज्य कर्मचारियों पर लागू होगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब अवकाश लेने, सेवा पुस्तिका अपडेट करने, ट्रांसफर की प्रक्रिया, नई जगह पर जॉइनिंग और पुरानी जगह से रिलीविंग जैसे सभी कार्य ऑनलाइन माध्यम से ही पूरे किए जाएंगे। सरकार के इस कदम का उद्देश्य प्रक्रियाओं को पारदर्शी और तेज बनाना है।
मानव संपदा पोर्टल का उपयोग अनिवार्य
कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी छुट्टियों के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग करें। इसमें चाइल्ड केयर लीव (बाल्य देखभाल अवकाश) जैसी छुट्टियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, सेवा पुस्तिका को भी पूरी तरह से ऑनलाइन अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
अनुपालन में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
हालांकि, सरकार ने पहले भी इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन कुछ विभागों द्वारा इनका आंशिक या पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। अब, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 2025 से ऑफलाइन प्रक्रिया को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
जो भी विभाग, अधिकारी या कर्मचारी इन ऑनलाइन प्रक्रियाओं का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य सभी विभागों को डिजिटल प्रणाली के तहत कार्य करने के लिए प्रेरित करना है।
सरकार की नई पहल का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और प्रशासनिक कार्यों को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रणाली कर्मचारियों के लिए अवकाश प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ-साथ सरकारी कामकाज में देरी को भी कम करेगी।
- अवकाश और सेवा संबंधी कार्यों में तेजी आएगी।
- फाइलों की ऑफलाइन प्रक्रिया समाप्त होने से भ्रष्टाचार की संभावना घटेगी।
- कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अवकाश स्वीकृत करना और ट्रैक करना आसान होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम डिजिटल युग में राज्य प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है।