गाजीपुर जिले में शुक्रवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब वाराणसी-गाजीपुर-गोरखपुर फोरलेन पर महाकुंभ से लौट रही श्रद्धालुओं की एक पिकअप का डाला अचानक टूट गया। इससे उसमें बैठे लोग सड़क पर गिर गए और पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें कुचल दिया।
कैसे हुआ हादसा?
गाजीपुर के नंदगंज क्षेत्र के कुसम्ही कलां में यह हादसा तब हुआ जब गोरखपुर जिले के बांसगांव क्षेत्र के हल्दीचक और बालोचक गांवों के 22 लोग एक पिकअप वाहन में सवार होकर प्रयागराज में गंगा स्नान करने गए थे। शुक्रवार को वे सभी गोरखपुर लौट रहे थे। इसी दौरान वाराणसी-गाजीपुर फोरलेन पर पिकअप का डाला टूट गया, जिससे श्रद्धालु सड़क पर गिर गए। तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें कुचल दिया।
हादसे में कितने लोग हताहत हुए?
इस दुर्घटना में आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें तीन महिलाएं, चार पुरुष और एक बच्चा शामिल है। इसके अलावा, आठ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। मौके पर डीएम आर्यका अखौरी और अन्य अधिकारी पहुंचे। घायलों को तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों को उचित इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए हरसंभव सहायता देने को कहा है।
हादसे से मचा कोहराम
इस दर्दनाक घटना के बाद मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया है। हादसे की खबर सुनते ही परिजन अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। गांव में मातम का माहौल है, और लोग सदमे में हैं।
क्या सावधानी बरती जा सकती थी?
इस घटना ने एक बार फिर ओवरलोडिंग और खराब वाहनों की समस्या को उजागर किया है। यदि पिकअप वाहन की स्थिति ठीक होती और अधिक लोगों को लोड न किया जाता, तो शायद यह हादसा टल सकता था। प्रशासन को इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नियमित जांच और सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है।
गाजीपुर का यह हादसा बेहद दुखद और हृदयविदारक है। प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए उचित कदम उठाए। मृतकों के परिजनों को न्याय मिले और घायलों को समुचित इलाज मिले, यह सुनिश्चित करना जरूरी है।