कानपुर में 14 वर्षीय एक मासूम लड़की की क्रूरतापूर्ण हत्या का पर्दा पुलिस ने आखिरकार उठा दिया है। पुलिस ने इस जघन्य अपराध के आरोप में गाँव के ही एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि लड़की द्वारा विरोध करने और पकड़े जाने के डर से उसने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। यह मामला कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र के एक गाँव का है, जहाँ एक 14 साल की किशोरी लापता होने के बाद मृत पाई गई थी। इस मामले को सुलझाते हुए पुलिस ने गाँव के ही नशे में धुत रहने वाले युवक, उदयभान, को मंगलवार की रात सरसौल रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) के पास से धर दबोचा।
पुलिस द्वारा की गई गहन पूछताछ में उदयभान ने उस भयावह दिन की घटनाओं का सिलसिलेवार विवरण दिया। उसने बताया कि घटना वाले दिन वह किशोरी के घर के सामने बने मंदिर के पास शराब के नशे में ‘गिल्ली डंडा’ खेल रहा था। उसी समय, किशोरी अपनी बकरी खोजने के लिए निकली, और उदयभान ने मदद करने के बहाने उसके साथ चलने का प्रस्ताव रखा। मासूम किशोरी उसकी बातों में आ गई, और उदयभान उसे बकरी ढूँढ़ने के बहाने गाँव के बाहर ईंट भट्ठे के सामने अरहर के खेत में ले गया।
वहाँ पहुँचने पर, उदयभान की नीयत बदल गई और उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। लेकिन किशोरी ने उसकी घिनौनी हरकत का पुरजोर विरोध किया और शोर मचाते हुए धमकी दी कि वह इस बारे में सबको बता देगी। पकड़े जाने के डर से उदयभान घबरा गया और आपा खो बैठा। उसने पहले किशोरी को ज़मीन पर पटक दिया, और फिर बेरहमी से उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

आरोपी ने आगे बताया कि जब किशोरी के शरीर में कोई हरकत नहीं हुई, तो उसके हाथ-पैर फूल गए, यह एहसास होने पर कि उसने एक भयानक अपराध कर दिया है। भयभीत उदयभान ने किशोरी के शव को अरहर के खेत में ही छोड़ दिया और वहाँ से भाग निकला। उसने ईंट भट्ठे के हैंडपंप पर जाकर अपने हाथ-पैर धोए, जैसे कुछ हुआ ही न हो। फिर, पकड़े जाने के डर से, उसने कुछ लोगों को कॉल और मैसेज किए, लेकिन होशियारी दिखाते हुए उन कॉल और मैसेज को तुरंत डिलीट भी कर दिया। रात करीब नौ बजे, वह गाँव वापस लौटा और किशोरी की तलाश कर रहे परिजनों के साथ शामिल हो गया, ताकि किसी को उस पर शक न हो। लेकिन, उदयभान की चालाकी काम न आई। चश्मदीद गवाह, फॉरेंसिक सबूत, और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और इस हृदयविदारक हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
उदयभान ने किशोरी की हत्या के बाद पुलिस को गुमराह करने और खुद को बचाने के लिए कई झूठी कहानियाँ गढ़ीं। उसने सोचा कि कॉल और मैसेज डिलीट करके वह पुलिस को धोखा दे देगा, लेकिन फॉरेंसिक और मेडिकल जांच ने उसकी सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया। दरअसल, जब बच्ची की तलाश चल रही थी, तो उदयभान परिवार से ज़्यादा घटना की जानकारी देने की कोशिश कर रहा था, जिससे परिजनों को उस पर शक हुआ। शराबी होने और पहले से गाँव में उसकी छवि खराब होने के कारण, परिजनों का शक और गहरा गया, और उन्होंने पुलिस को इस बारे में बताया, जिसके बाद पुलिस ने उदयभान को हिरासत में ले लिया।

प्रारंभिक पूछताछ में, उदयभान ने दावा किया कि घटना के समय वह अपने घर पर था, लेकिन गाँव के दो लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने उसे किशोरी के पीछे-पीछे जाते हुए देखा था। जब पुलिस ने इस बारे में सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना बयान बदलते हुए कहा कि वह किशोरी के पीछे नहीं, बल्कि अपने घर मोबाइल लेने जा रहा था। पुलिस ने उदयभान के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकलवाई, जिससे उसके दूसरे झूठ का भी पर्दाफाश हो गया, क्योंकि कॉल और मैसेज डिलीट किए जाने की जानकारी सीडीआर में दर्ज थी।
मामले को सुलझाने में फॉरेंसिक टीम की अहम भूमिका रही। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से किशोरी के सिर के टूटे हुए बाल, मृतका के नाखूनों में मिली खाल, और अन्य महत्वपूर्ण चीजें एकत्र की थीं। जब पूछताछ में आरोपी पर शक गहराया, तो पुलिस ने उदयभान के सैंपल भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए। मेडिकल जांच रिपोर्ट में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ कि किशोरी के नाखूनों में मिली खाल उदयभान की ही थी। यह फॉरेंसिक सबूत उदयभान के अपराध को साबित करने के लिए काफी था, और इसी के साथ पुलिस ने हत्याकांड का पांचवें दिन पर्दाफाश कर दिया।
किशोरी के शव का जब पोस्टमार्टम कराया गया, तो उदयभान की बर्बरता और क्रूरता का भयावह चेहरा सामने आया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोरी के शरीर पर चोट के 40 निशान पाए गए। उसकी कोहनी से दोनों हाथ टूटे हुए थे। पैर के तलवों में गहरे जख्म थे, और खून जमा हुआ था। दुष्कर्म के प्रयास के कारण किशोरी के निजी अंगों में भी गंभीर चोटें आई थीं। ये सभी चोटें किशोरी द्वारा आरोपी से बचने के लिए किए गए संघर्ष की गवाही दे रही थीं, जिससे स्पष्ट हो गया कि उदयभान ने कितनी क्रूरता से इस मासूम बच्ची पर अत्याचार किया था।
यह मामला 27 जनवरी की शाम का है। महाराजपुर के एक गाँव की रहने वाली बच्ची शाम करीब 5:30 बजे बकरियाँ चराकर घर लौटी थी। जब एक बकरी लापता हो गई, तो उसकी माँ और बहन एक दिशा में, जबकि वह दूसरी दिशा में बकरी खोजने निकल पड़ी। रात में बकरी तो अपने आप घर लौट आई, लेकिन बदकिस्मत बच्ची वापस नहीं लौटी। काफी खोजबीन के बाद, बच्ची के पिता ने देर रात महाराजपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 30 जनवरी की सुबह, बच्ची का शव गाँव के किनारे अरहर के खेत में बरामद हुआ, जिससे पूरे इलाके में मातम छा गया।
कानपुर के एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने बच्ची की हत्या करने के आरोपी उदयभान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उन्होंने कहा कि चश्मदीद गवाह, तकनीकी सबूत, मेडिकल रिपोर्ट, और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने इस नृशंस हत्याकांड का सफलतापूर्वक खुलासा किया है। यह मामला समाज में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है और यह याद दिलाता है कि हमें अपनी बेटियों को सुरक्षित रखने और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए एकजुट होना होगा।
