पत्नी से तलाक और बिजनेस विवाद के चलते कैफे मलिक पुनीत ने की आत्महत्या


दिल्ली के कल्याण विहार इलाके में एक बेकरी मालिक पुनीत खुराना ने अपनी पत्नी के साथ चल रहे विवाद और व्यापारिक झगड़ों के कारण कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुनीत, जो "फॉर गॉड्स केक" बेकरी और "वुडबॉक्स कैफे" के सह-मालिक थे, अपने घर में फंदे से लटके पाए गए। पुलिस के अनुसार, उनकी अंतिम बातचीत उनकी पत्नी से हुई थी, जिसमें बेकरी और व्यापारिक मुद्दों पर बहस हुई थी।

पुनीत के परिवार ने दावा किया कि उनकी पत्नी मनिका पाहवा और उसके परिवार ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। परिवार ने बताया कि मनिका ने पुनीत की बातचीत रिकॉर्ड कर उसे अपने रिश्तेदारों को भेजा था। पुलिस ने पुनीत का फोन जब्त कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी अंतिम बातचीत के ऑडियो में सुना जा सकता है कि पुनीत अपनी पत्नी से पूछते हैं, “अब तुम क्या चाहती हो?” पत्नी ने जवाब दिया, “तुमने मेरा और मेरे परिवार का अपमान किया है। मुझे मेरा बकाया चुकाओ।”

पुनीत की बहन ने मीडिया से कहा कि मनिका पाहवा और उनके परिवार ने पुनीत को लंबे समय से परेशान किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनिका ने पुनीत के सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिए थे। पुनीत ने अपनी पीड़ा को रिकॉर्ड किया और 59 मिनट की एक वीडियो बनाई, जिसमें उन्होंने अपने साथ हुई प्रताड़ना का विस्तार से वर्णन किया।

पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव तलाक तक पहुंच गया था। मनिका ने बिजनेस में अपनी हिस्सेदारी को लेकर विवाद किया और कहा, “हम तलाक ले रहे हैं, लेकिन मैं अभी भी बिजनेस पार्टनर हूं। आपको मेरा बकाया चुकाना होगा।”

परिवार ने यह भी बताया कि "वुडबॉक्स कैफे" पहले ही बंद हो चुका था, और पुनीत व्यापार में हो रहे नुकसान और पत्नी से बढ़ते झगड़ों के कारण तनाव में थे।

यह घटना उस समय और ज्यादा गंभीर हो जाती है जब इसी प्रकार का मामला हाल ही में बेंगलुरु में भी सामने आया था। बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने भी पत्नी और उसके परिवार द्वारा उत्पीड़न के चलते आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

पुनीत की इस दुखद मौत ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि रिश्तों में आपसी समझदारी और सहनशीलता क्यों महत्वपूर्ण है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि व्यक्तिगत और व्यापारिक जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए कैसे कदम उठाए जाएं, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सके।