मेरठ की मदीना कॉलोनी शनिवार की सुबह गोलियों की गूंज से दहल उठी। तड़के होने वाली इस घटना ने लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया। उजाला होने के साथ ही मुठभेड़ में कुख्यात नईम के मारे जाने की खबर फैली।
मदीना कॉलोनी में मुठभेड़ से मचा हड़कंप
लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के मदीना कॉलोनी में शनिवार सुबह करीब चार बजे सन्नाटा गोलियों की आवाज़ से टूट गया। पुलिस गाड़ियों के सायरन ने कॉलोनी के लोगों को चौका दिया। किसी अनहोनी की आशंका में लोग डर के मारे घरों से बाहर नहीं निकले। उजाला होते ही मुठभेड़ की सच्चाई सामने आई।
पुलिस को लंबे समय से नईम और सलमान की तलाश थी। दोनों के मदीना कॉलोनी में होने की खबर मिलने पर सीओ आशुतोष कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने घेराबंदी की। लोहियानगर और लिसाड़ीगेट थानों की पुलिस के साथ स्वाट और सर्विलांस टीम भी मौके पर थी। तड़के गोलियों की आवाज़ से जब लोग बाहर आए, तो नईम के मारे जाने की पुष्टि हुई।
कत्ल के आरोपी को मिली सज़ा
दिन चढ़ने के साथ ही नईम की मौत की खबर पूरे शहर में फैल गई। स्थानीय लोग घटना स्थल पर जमा होने लगे। पुलिस ने लोगों को मुठभेड़ स्थल से दूर रहने के निर्देश दिए। जिसने भी यह सुना कि नईम मारा गया, उसने यही कहा कि उसे उसके गुनाहों की सजा मिल गई। लोगों ने कहा कि ऐसे अपराधियों को यही अंजाम मिलना चाहिए ताकि दूसरों को भी सबक मिले।
नईम का शातिर प्लान: मुजफ्फरनगर में चालाकी से मोबाइल ऑन किया
कुख्यात नईम ने अपनी चालाकी से पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने अपने सौतेले भाई मोईन और भाभी आसमा का मोबाइल चुरा लिया था। दोनों ने मुजफ्फरनगर पहुंचकर फोन ऑन किया ताकि पुलिस को लगे कि वे वहां छिपे हैं। लेकिन असल में नईम और सलमान मुजफ्फरनगर से होते हुए नोएडा और दिल्ली चले गए थे। नईम 25 साल से अपराध करता आ रहा था और हर बार पुलिस को चकमा देता था।
भाइयों पर कर्ज को लेकर रंजिश
नईम के सात भाई और तीन बहनें थीं। सलमान ने पुलिस को बताया कि नईम मालेगांव में टाइल्स का ठेका लेता था और उसने अपने भाइयों को लाखों रुपये उधार दिए थे। हालांकि, जब नईम ने पैसा लौटाने को कहा तो भाई आर्थिक तंगी का बहाना बनाकर बचने लगे। मोईन ने प्लॉट खरीदने और घर बनाने में पैसे लगाए, जिससे नईम के दिल में रंजिश पैदा हो गई।
नईम का खतरनाक आपराधिक इतिहास
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, नईम ने महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तराखंड में भी हत्याएं की थीं। साल 2007 में महाराष्ट्र के मुंब्रा इलाके में उसने आज़मगढ़ निवासी दो व्यापारियों शादाब और असद की हत्या की थी। दिल्ली में एक रिश्तेदार और उत्तराखंड में एक युवक की हत्या करके शव ठिकाने लगाया था।
नईम दूसरे राज्यों में नाम और पहचान बदलकर रहता था। यहां तक कि वह पत्नी भी बदलने में माहिर था। सलमान, जो नईम के साथ 15 साल रहा, ने पुलिस को उसकी आपराधिक कुंडली बताई।
कोविड के बाद आर्थिक तंगी से घिरा नईम
एसएसपी ने बताया कि कोविड-19 के बाद से नईम आर्थिक रूप से तंगी में था। उसे अपना मालेगांव का मकान बेचना पड़ा। वह मोईन पर 5 लाख रुपये लौटाने का दबाव बना रहा था। जब मोईन ने मेरठ में मकान बनवाया तो नईम को लगा कि उसके पैसे वापस नहीं मिलेंगे। इसके बाद उसने पूरी योजना बनाकर मोईन और उसके परिवार की हत्या कर दी।
मेरठ में दंपत्ति और तीन बेटियों की निर्मम हत्या
मेरठ के लिसाड़ीगेट क्षेत्र में 8 जनवरी की रात मोईन (52), उनकी पत्नी आसमा (45), और तीन बेटियां अक्शा (8), अजीजा (4) और अलइफ्शा (1) की गला काटकर हत्या कर दी गई। 9 जनवरी की रात को मोईन के दो भाई जब घर पहुंचे, तो खौफनाक मंजर देखकर उनकी चीख निकल गई।
मोईन और उनकी पत्नी के खून से सने शव बेड के पास मिले, जबकि तीनों बच्चियों के शव बेड के अंदर बॉक्स में रखे गए थे।
तांत्रिक नईम और उसका पेशेवर अपराध
हत्या का आरोपी नईम तांत्रिक के तौर पर जाना जाता था। वह पेशेवर अपराधी था और लोग उसे नईम बाबा कहते थे। दिल्ली और महाराष्ट्र में हत्या के मामलों में वह पहले से वांछित था। नईम वारदात को अंजाम देने के बाद नाम, जगह और वेश बदलकर छिप जाता था। यहां तक कि वह अपनी पत्नियां भी बदल लेता था।
नईम की मौत के बाद स्थानीय लोग पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे। लोगों ने कहा कि ऐसे अपराधियों का यही हश्र होना चाहिए। मदीना कॉलोनी के निवासियों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की और उम्मीद जताई कि इससे अपराधियों में डर पैदा होगा।
पुलिस ने नईम के आपराधिक इतिहास की पूरी जांच शुरू कर दी है। महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तराखंड में उसके खिलाफ दर्ज मामलों की गहनता से पड़ताल की जा रही है। साथ ही सलमान से भी अन्य जानकारी इकट्ठा की जा रही है ताकि अन्य मामलों का खुलासा हो सके।
