उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कलयुगी मां ने अपनी 9 महीने के मासूम बेटे को छत से फेंककर मौत के घाट उतार दिया। आरोप है कि इस खौफनाक कदम का मकसद अपनी बहन को फंसाना था। आरोपी महिला की मां शोभा देवी ने खुद अपनी बेटी पर नाती की हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस में तहरीर दी है। फिलहाल, पुलिस ने आरोपी महिला को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
यह दिल दहला देने वाली घटना बलिया के नगर कोतवाली क्षेत्र के कृष्णा नगर मोहल्ले की है। यहां गोलू गोंड़ की पत्नी, 35 वर्षीय अंजू देवी, अपने मायके में रहती है। अंजू की बहन मनीषा देवी भी वहीं रहती है। दोनों बहनों के बीच अक्सर झगड़ा होता था। शनिवार की सुबह दोनों के बीच हुए विवाद ने एक भयानक रूप ले लिया।
गुस्से में आकर अंजू ने अपने 9 महीने के मासूम बेटे को छत से नीचे फेंक दिया। इसके बाद उसने चिल्लाते हुए अपनी बहन मनीषा पर बच्चे की हत्या का आरोप लगाना शुरू कर दिया।
मां ने खुद बेटी पर लगाया हत्या का आरोप
घटना के बाद अंजू की मां शोभा देवी ने पुलिस को फोन कर अपनी बेटी पर अपने नाती की हत्या का आरोप लगाया। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और आरोपी मां अंजू को हिरासत में ले लिया। मासूम बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
पहले भी कर चुकी है हत्या का आरोप
शोभा देवी ने पुलिस को बताया कि तीन महीने पहले अंजू के इस बच्चे के जुड़वा भाई की भी हत्या हो चुकी है। उन्होंने अपनी बेटी पर पहले भी हत्या का आरोप लगाया था।
नगर कोतवाल योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि आरोपी महिला से पूछताछ की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शराबी पतियों से परेशान महिलाओं ने एक-दूसरे से की शादी
इस घटना के बीच गोरखपुर से एक अनोखी और चौंकाने वाली खबर भी आई है। अपने शराबी पतियों की प्रताड़ना से परेशान होकर दो महिलाओं ने घर छोड़ दिया और एक-दूसरे से शादी कर ली।
कविता और गुंजा उर्फ बबलू ने देवरिया के प्रसिद्ध छोटी काशी शिव मंदिर में शादी की। दोनों ने बताया कि वे पहली बार इंस्टाग्राम के माध्यम से मिली थीं। समान परिस्थितियों के कारण वे एक-दूसरे के करीब आ गईं।
शादी का विवरण
गुंजा ने दूल्हे की भूमिका निभाई और कविता को सिंदूर लगाकर शादी की रस्में पूरी कीं। उन्होंने मंदिर में सात फेरे लेकर जीवन भर साथ रहने की कसम खाई।
दोनों महिलाओं ने बताया कि उनके शराबी पतियों के हाथों उन्हें घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा था। इसी कारण उन्होंने अपनी परेशानियों से निकलने का यह रास्ता चुना।
समाज की सोच को चुनौती
यह घटना समाज में पितृसत्ता और घरेलू हिंसा के प्रति महिलाओं की सहनशक्ति की हद को दर्शाती है। साथ ही यह उन महिलाओं की हिम्मत को भी उजागर करती है, जो अपनी जिंदगी में बदलाव लाने का साहस रखती हैं।
बलिया और गोरखपुर की ये घटनाएं समाज के दो अलग-अलग पहलुओं को दिखाती हैं। एक तरफ एक मां की निर्दयता है, जिसने अपने मासूम बच्चे की जान ले ली। वहीं दूसरी तरफ दो महिलाओं की हिम्मत है, जिन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव लाने का साहस दिखाया। ये घटनाएं समाज में जागरूकता और सहानुभूति की जरूरत को भी रेखांकित करती हैं।
