उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद, प्रदेश के 52% सरकारी कर्मचारियों ने अब तक अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज नहीं किया है। यह जानकारी ऑनलाइन देने की अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित की गई थी, लेकिन 30 जनवरी तक केवल 4.33 लाख कर्मियों ने ही अपनी संपत्तियों का विवरण दिया है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी समय सीमा तक यह विवरण दर्ज नहीं करेंगे, उनकी पदोन्नति और वेतन रोकने की कार्यवाही की जाएगी। कार्मिक विभाग इस संबंध में जल्द ही कड़े निर्देश जारी करने की तैयारी में है।
8.32 लाख राज्य कर्मचारियों में से केवल 52% ने दिया विवरण
प्रदेश में कुल 8.32 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से केवल 4.33 लाख ने अपनी संपत्तियों का विवरण ऑनलाइन अपलोड किया है। शेष 3.99 लाख कर्मियों ने अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। शासन के सूत्रों के अनुसार, 1 फरवरी के बाद सरकार सख्त कार्रवाई कर सकती है और ब्योरा न देने वालों के खिलाफ आदेश जारी किए जाएंगे।
समूह ‘क’ और ‘ख’ अधिकारियों पर विशेष निगरानी
सरकार ने समूह ‘क’ और ‘ख’ श्रेणी के अधिकारियों के लिए यह नियम और भी सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। इन अधिकारियों को 2023-24 की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करनी है।
वेतन रोकने के आदेश
सचिवालय प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई अधिकारी 31 जनवरी तक संपत्ति का विवरण नहीं देता, तो उसका जनवरी माह का वेतन रोक दिया जाएगा। हाल ही में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने विभागों के अधिकारियों से यह जानकारी पोर्टल पर अपडेट कराना सुनिश्चित करें।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
हाल की समीक्षा से यह सामने आया है कि कई अधिकारियों ने अब तक अपना स्व-मूल्यांकन (Self-Appraisal Report) जमा नहीं किया है। ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है, और समीक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ACR को जल्द से जल्द पोर्टल पर अपलोड कराएं।
सरकार की इस सख्ती का मकसद पारदर्शिता और ईमानदारी को सुनिश्चित करना है, जिससे सरकारी कर्मचारियों की संपत्तियों का स्पष्ट रिकॉर्ड रखा जा सके।
