प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के दौरान मंगलवार को हुए भयानक भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा मौनी अमावस्या के पावन स्नान के दौरान भीषण भीड़ की वजह से हुआ। मेला प्रशासन ने हादसे के 16 घंटे बाद आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं, जिससे स्थिति की गंभीरता स्पष्ट हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
मौनी अमावस्या पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। प्रशासन ने पहले ही लगभग 15 करोड़ लोगों के स्नान की संभावना जताई थी, लेकिन भीड़ का अनुमान से अधिक बढ़ना भयावह भगदड़ की वजह बन गया।
हादसा तब हुआ जब संगम तट के पास प्रवेश द्वार पर भीड़ अत्यधिक बढ़ गई और लोग आगे बढ़ने के लिए एक-दूसरे को धक्का देने लगे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई श्रद्धालु गिर पड़े और उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिला।
16 घंटे बाद जारी हुआ आधिकारिक आंकड़ा
इस भगदड़ के बाद प्रशासन कई घंटों तक स्थिति को स्पष्ट करने में विफल रहा। अंततः 16 घंटे बाद मेला प्राधिकरण ने घोषणा की कि इस हादसे में 30 लोगों की जान गई है और 60 लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने बचाव कार्य तेज करने और स्थिति को सामान्य करने का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरी संवेदना जताई है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “महाकुंभ में हुई भगदड़ दुखद है, प्रशासन घायलों को हर संभव मदद उपलब्ध कराए।” वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
प्रशासन के सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद मेला प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा पहले से की जाती रही है, लेकिन इस बार इतने बड़े हादसे को रोकने में प्रशासन असफल साबित हुआ।
घटनास्थल पर मौजूद श्रद्धालुओं ने बताया कि “भीड़ नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए थे।” कुछ लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं किए थे।
राहत और बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF) और स्थानीय पुलिस की टीमों को तुरंत राहत कार्यों में लगाया गया है। घायलों को निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन का कहना है कि “स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन श्रद्धालुओं से अपील है कि वे भीड़ में धैर्य और संयम बनाए रखें।”
महाकुंभ 2025: अब तक 25 करोड़ श्रद्धालु कर चुके हैं स्नान
गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 25 करोड़ से अधिक लोग गंगा स्नान कर चुके हैं। आगामी बसंत पंचमी और महाशिवरात्रि स्नान के लिए अभी और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
घटना की जांच के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की गहन जांच के लिए विशेष समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। इस समिति को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी।
श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग करें। आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, जिससे लोग अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
महाकुंभ 2025 में हुआ यह हादसा प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बेहतर भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं की जरूरत है। उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन इस त्रासदी से सबक लेकर भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।