वाह हर दिन मुझे तड़पाता, मैं जितना तड़पती, वो उतना हंसता, सनकी कपल की कैद में लड़की की दर्दनाक कहानी


यह कहानी 20 वर्षीय कॉलीन स्टेन की है, जिसे 19 मई 1977 को एक सनकी पति-पत्नी ने अगवा किया और सात साल तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उसे यातनाओं से गुज़ारना पड़ा। कैद की इस भयानक कहानी में उसने गुलामी, यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना जैसी परिस्थितियों का सामना किया। इस घटना ने मानवता को झकझोर कर रख दिया।



कैसे शुरू हुई आपबीती?


कॉलीन अपने दोस्त के जन्मदिन पर जाने के लिए सड़क किनारे लिफ्ट का इंतजार कर रही थी। एक गाड़ी रुकी, जिसमें कैमरन हूकर और उसकी पत्नी जेनिस हूकर बैठे थे। उन्होंने मदद के बहाने उसे गाड़ी में बिठा लिया। शुरुआत में सब सामान्य लग रहा था, लेकिन थोड़ी देर बाद कैमरन ने गाड़ी की डिक्की से एक अजीब लकड़ी का बॉक्स निकाला और कॉलीन की गर्दन पर चाकू रखकर उसके हाथ बांध दिए। इसके बाद उसने उसके सिर को लकड़ी के बॉक्स में कैद कर दिया।



तहखाने में कैद और यातनाएं


कैमरन ने कॉलीन को अपने घर के तहखाने में बंद कर दिया। यहीं से उसकी दर्दनाक कहानी शुरू हुई। कैमरन रोज उसे यातनाएं देता।

  • उसे छत से लटकाना,
  • शारीरिक हिंसा करना,
  • यौन शोषण करना,
  • बिजली के झटके देना,
  • और कई बार लकड़ी के बॉक्स में बंद करना उसका रोजमर्रा का काम बन गया।

कॉलीन को पहले सात महीनों तक उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर रखा गया। वह कहता था कि उसे दूसरों को तकलीफ देकर मज़ा आता है।


कॉलीन स्टेन की कहानी एक ऐसी दास्तान है जो मानवता को झकझोर देती है। यह कहानी एक 20 वर्षीय युवती की है, जिसे सात साल तक एक सनकी दंपति ने बंधक बनाकर रखा और अकल्पनीय यातनाएं दीं। यह घटना 19 मई 1977 को शुरू हुई और सात साल तक चली।


घटना की शुरुआत:


  • कॉलीन अपनी सहेली के जन्मदिन पार्टी में जाने के लिए लिफ्ट की तलाश में थी।
  • कैमरन हूकर और उसकी पत्नी जेनिस ने उसे लिफ्ट दी।
  • कार में कैमरन ने कॉलीन को चाकू की नोक पर बंधक बना लिया।


कैद की शुरुआत:


  • कॉलीन को एक लकड़ी के बॉक्स में बंद कर दिया गया।
  • उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई और हाथ बांध दिए गए।
  • उसे कैमरन के घर के तहखाने में बंद कर दिया गया।


यातनाओं का सिलसिला:


  • कैमरन लगातार कॉलीन को प्रताड़ित करता रहा।
  • उसे छत से लटकाया जाता, बिजली के झटके दिए जाते।
  • बार-बार दुष्कर्म किया जाता।
  • कैमरन अपनी पत्नी के साथ कॉलीन के सामने संबंध बनाता।


गुलामी का अनुबंध:


  • कैमरन ने कॉलीन से जबरन एक गुलामी का अनुबंध साइन कराया।
  • उसे धमकी दी गई कि अगर वह अनुबंध तोड़ेगी तो उसके परिवार की जान खतरे में पड़ जाएगी।


परिवार से मिलने की अनुमति:


  • तीन साल बाद कॉलीन को परिवार से मिलने की इजाजत दी गई।
  • कैमरन ने उसे धमकी दी कि अगर वह सच बताएगी तो परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
  • कॉलीन ने परिवार से झूठ बोला कि कैमरन उसका प्रेमी है।


मुक्ति का क्षण:


  • 1984 में जेनिस को अपने कृत्यों पर पछतावा हुआ।
  • जब कैमरन घर पर नहीं था, जेनिस ने कॉलीन को आजाद कर दिया।
  • जेनिस ने कॉलीन को बताया कि अनुबंध झूठा था।


न्याय की प्रक्रिया:


  • कॉलीन अपने घर पहुंची और परिवार को सच्चाई बताई।
  • जेनिस ने एक पादरी के सामने अपने पाप कबूल किए।
  • पादरी ने पुलिस को सूचित किया।
  • कैमरन को गिरफ्तार कर लिया गया।



कानूनी कार्रवाई:


  • कैमरन के घर की तलाशी ली गई, जहां से कई सबूत मिले।
  • जेनिस ने कैमरन के खिलाफ गवाही दी।
  • कोर्ट ने कैमरन को 104 साल की जेल की सजा सुनाई।



कॉलीन का पुनर्वास:


  • लंबे मानसिक उपचार के बाद कॉलीन ठीक हुई।
  • 1987 में उसने एक बेटी को जन्म दिया।


इस कहानी से निकलने वाले संदेश:


मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्णता: कॉलीन के मामले में देखा गया कि लंबे समय तक मानसिक यातना के बाद भी, उचित देखभाल और उपचार से व्यक्ति पुनः सामान्य जीवन जी सकता है।
कानून व्यवस्था की भूमिका: इस मामले में पुलिस और न्यायपालिका की त्वरित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि अपराधी को कड़ी सजा मिले।
समाज की जागरूकता: ऐसी घटनाओं से बचने के लिए समाज को अधिक सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है।
मानवीय संवेदनशीलता: जेनिस के पश्चाताप और कॉलीन को मुक्त करने के निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि मानवीय संवेदनाएं किसी भी समय जाग सकती हैं।
मनोवैज्ञानिक सहायता का महत्व: कॉलीन के पुनर्वास में मनोवैज्ञानिक सहायता की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जो दर्शाता है कि ऐसी घटनाओं के पीड़ितों को उचित मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है।
परिवार का समर्थन: कॉलीन के मामले में उसके परिवार का समर्थन उसके पुनर्वास में महत्वपूर्ण रहा।




गुलामी का अनुबंध


1978 में, कैमरन ने कॉलीन को डराकर एक गुलामी अनुबंध पर दस्तखत करवाए। उसने कहा कि अगर वह इस अनुबंध को तोड़ेगी, तो एक शक्तिशाली संगठन उसके और उसके परिवार को मार डालेगा। इस डर के कारण कॉलीन ने चुपचाप उसकी हर बात मानी।

कैमरन ने उसे अपने घर के काम करने के लिए मजबूर किया और लगातार मानसिक यातना देता रहा। इतना ही नहीं, उसने उसे एक समय पर भोजन देकर ज़िंदा रखा और हर रोज़ उसे दर्द सहने पर मजबूर किया।



परिवार से मुलाकात और झूठ


कैद के तीन साल बाद कैमरन ने कॉलीन को उसके परिवार से मिलने की अनुमति दी। लेकिन साथ ही उसे धमकी दी कि वह अपने परिवार को असलियत नहीं बताएगी। डर के मारे कॉलीन ने अपने परिवार को बताया कि कैमरन उसका प्रेमी है और वे दोनों साथ रहते हैं।



कैसे मिली आज़ादी?


1984 में, कहानी ने नया मोड़ लिया। कैमरन की पत्नी जेनिस को अपने किए पर पछतावा हुआ। उसने कॉलीन को बताया कि कॉन्ट्रैक्ट और संगठन की कहानी झूठी है। उसने हिम्मत दिखाते हुए कॉलीन को आजाद कर दिया।

कॉलीन ने अपने घर पहुंचकर अपने माता-पिता को पूरी सच्चाई बताई। जेनिस ने भी एक पादरी के सामने अपने गुनाह कबूल किए और कैमरन की सच्चाई बताई।



कैमरन की गिरफ्तारी और सजा


पादरी ने पुलिस को पूरी जानकारी दी। पुलिस ने कैमरन को गिरफ्तार कर लिया और उसके घर की तलाशी ली। वहां से यातना देने वाले उपकरण, अश्लील सामग्री और कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी मिली।

जेनिस ने कोर्ट में गवाही दी, जिसके बदले उसे इम्युनिटी (सजा से छूट) दी गई। इस गवाही के आधार पर कोर्ट ने कैमरन को 104 साल की जेल की सजा सुनाई।



जज का बयान


जज ने सजा सुनाते समय कहा, "कैमरन जैसे खतरनाक साइकोपैथ समाज के लिए हमेशा खतरा बने रहेंगे। इसे जीवनभर जेल में रहना चाहिए।"



कॉलीन की जिंदगी के बाद के पल


कैद से आजाद होने के बाद कॉलीन ने मानसिक परामर्श लिया और अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू किया। 1987 में उसने एक बेटी को जन्म दिया। उसने खुद को साहसिक और मजबूत साबित करते हुए इस त्रासदी से बाहर निकलकर जीने की नई उम्मीद दिखाई।