Champions Trophy:हाइब्रिड मॉडल में होगी चैंपियंस ट्रॉफी, पाकिस्तान का टूटा घमंड, दुबई में होंगे भारत के मैच
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन के लिए हाइब्रिड मॉडल पर सहमति जता दी है। इस मॉडल के तहत टूर्नामेंट पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में आयोजित होगा। भारत के सभी मैच दुबई में खेले जाएंगे। यह फैसला दुबई में आईसीसी मुख्यालय में आयोजित बैठक में लिया गया, जहां भारत, पाकिस्तान, और अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
हाइब्रिड मॉडल: एक विवाद का समाधान
चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल में करने का निर्णय पाकिस्तान और भारत के बीच लंबे समय से जारी राजनीतिक और क्रिकेट संबंधी गतिरोध को ध्यान में रखते हुए लिया गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने स्पष्ट कर दिया था कि भारतीय टीम पाकिस्तान यात्रा नहीं करेगी। इस रुख के चलते आईसीसी ने दोनों देशों के लिए एक संतुलन बनाने के लिए यह मॉडल अपनाया।
आईसीसी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, "सभी हितधारकों ने सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है कि यह मॉडल सभी पक्षों के लिए फायदेमंद है। पाकिस्तान में कुछ मैच होंगे, जबकि भारत दुबई में खेलेगा। इससे टूर्नामेंट के आयोजन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।"
2025 में चैंपियंस ट्रॉफी का कार्यक्रम और हाइब्रिड मॉडल की अवधि
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को अगले साल फरवरी-मार्च के दौरान आयोजित किया जाएगा। यह टूर्नामेंट 2027 तक हाइब्रिड मॉडल के आधार पर आयोजित किए जाने की योजना है।
पाकिस्तान ने 2031 तक अपने लिए इस मॉडल की मांग की थी, लेकिन आईसीसी ने फिलहाल इसे 2027 तक सीमित रखा है।
- भारत की मेजबानी के टूर्नामेंट:
- 2026 में भारत और श्रीलंका मिलकर पुरुष टी20 विश्व कप की मेजबानी करेंगे।
- 2025 में महिला वनडे विश्व कप का आयोजन भी भारत में होगा।
पाकिस्तान की भारत यात्रा पर प्रतिबंध
अगर हाइब्रिड मॉडल नहीं अपनाया जाता, तब भी पाकिस्तान को भारत में खेले जाने वाले टूर्नामेंटों में अपनी टीम भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाता।
2026 में आयोजित पुरुष टी20 विश्व कप के दौरान, पाकिस्तान अपने मैच श्रीलंका में खेलेगा।
गतिरोध और अल्टीमेटम के बाद का समझौता
आईसीसी की बैठक के दौरान, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने शुरू में हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। इसके चलते बीसीसीआई और पीसीबी के बीच गतिरोध बढ़ गया। आईसीसी ने पाकिस्तान को अल्टीमेटम दिया कि यदि वे हाइब्रिड मॉडल स्वीकार नहीं करते, तो टूर्नामेंट के आयोजन पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
पाकिस्तान को अंततः झुकना पड़ा और हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करना पड़ा। हालांकि, पीसीबी ने मुआवजे की मांग की है, जिसे अभी विचाराधीन रखा गया है।
चैंपियंस ट्रॉफी का कार्यक्रम: जल्द होगा एलान
हालांकि टूर्नामेंट का आधिकारिक कार्यक्रम अब तक जारी नहीं हुआ है। इसका मुख्य कारण भारत और पाकिस्तान के बीच जारी राजनीतिक तनाव और आयोजन से संबंधित मुद्दे हैं।
पिछले हफ्ते आईसीसी की बैठक के दौरान, भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि टीम पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी हाइब्रिड मॉडल को अस्वीकार करने का संकेत दिया था। इसके बाद, आईसीसी ने एक बीच का रास्ता निकालते हुए यह समाधान पेश किया।
अब, उम्मीद है कि आईसीसी जल्द ही टूर्नामेंट के कार्यक्रम का एलान करेगा, जिसमें प्रत्येक टीम के स्थान और तारीखें तय होंगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव का प्रभाव
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक तनाव ने क्रिकेट को भी प्रभावित किया है। दोनों टीमें केवल आईसीसी टूर्नामेंट में आमने-सामने होती हैं। द्विपक्षीय श्रृंखला 2012-13 के बाद से नहीं हुई है।
2025 की चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन में भी इस तनाव की झलक दिखाई दी। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि सुरक्षा और अन्य कारणों से पाकिस्तान यात्रा संभव नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईसीसी ने हाइब्रिड मॉडल का सहारा लिया।
क्या है हाइब्रिड मॉडल?
हाइब्रिड मॉडल में टूर्नामेंट के मैच दो अलग-अलग देशों में आयोजित किए जाते हैं। इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक, सुरक्षा, या अन्य कारणों से एक देश की टीम को दूसरे देश में जाने की बाध्यता से बचाना है।
2023 एशिया कप में भी यह मॉडल अपनाया गया था, जहां भारत के मैच श्रीलंका में खेले गए थे, जबकि अन्य मैच पाकिस्तान में हुए थे।
निष्कर्ष
2025 चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। लेकिन, आईसीसी ने हाइब्रिड मॉडल का सहारा लेते हुए दोनों पक्षों के बीच एक संतुलन बनाने का प्रयास किया।
यह मॉडल क्रिकेट प्रेमियों के लिए राहत की बात है, क्योंकि टूर्नामेंट बिना किसी रुकावट के आयोजित हो सकेगा। हालांकि, इस मॉडल के स्थायी समाधान के रूप में कार्य करने की संभावना पर अभी भी सवाल बना हुआ है।
आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार होता है या नहीं, और इसका क्रिकेट पर क्या असर पड़ता है।