किसान ने अपनी बेटी की विदाई हेलीकॉप्टर से की शादी में पानी की तरह बहाया पैसा
गौतमबुद्ध नगर के जेवर में शुक्रवार का दिन एक खास और यादगार बन गया। इस दिन की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है, क्योंकि यहां एक किसान ने अपनी बेटी की विदाई को ऐसा अनोखा और भव्य रूप दिया, जो हर किसी के लिए चौंकाने वाला था। दुल्हन की विदाई हेलीकॉप्टर से हुई, और यह सब केवल 14 किलोमीटर की दूरी के लिए किया गया।
मुआवजे की चमक और भव्य विदाई
जेवर के निवासी सुभाष सिंह ने अपनी बेटी अंजली राजपूत की शादी को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। सुभाष सिंह को 2002 में यमुना प्राधिकरण द्वारा उनकी जमीन का मुआवजा मिला था। इस मुआवजे ने उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त किया, और उन्होंने इसे अपनी बेटी की शादी को खास बनाने में खर्च कर दिया।
सुभाष ने बेटी अंजली की शादी बुलंदशहर के ककोड़ निवासी अमन राजपूत के साथ तय की। शादी 21 नवंबर को बड़े धूमधाम से हुई, लेकिन चर्चा का मुख्य कारण बनी 22 नवंबर को हुई विदाई। अंजली के पिता ने बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए 8 लाख रुपये खर्च कर हेलीकॉप्टर बुक कराया।
हेलीकॉप्टर से विदाई: 7 पीढ़ियों तक याद रहेगा यह पल
अंजली की विदाई हेलीकॉप्टर से करवाने का फैसला परिवार में चर्चा का विषय रहा। अंततः पिता ने बेटी की इच्छा को प्राथमिकता दी और यह अनोखी विदाई तय की। पूरे गांव और इलाके में यह शादी चर्चा का मुख्य विषय बन गई। सुभाष सिंह ने कहा कि उनकी बेटी की विदाई इस भव्य तरीके से हो, यह उनका सपना था।
दुल्हन की विदाई की इस भव्यता ने न केवल परिवार को गौरवान्वित किया, बल्कि पूरे गांव में चर्चा का विषय बना दिया। ग्रामीणों ने इसे "मुआवजे की धमक" करार दिया।
हजारों लोग बने गवाह, पुलिस ने संभाली व्यवस्था
दुल्हन की विदाई हेलीकॉप्टर से होनी थी, इसलिए स्वाभाविक रूप से इसे देखने के लिए हजारों लोग जुट गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही पुलिस व्यवस्था की गई थी। ग्रेटर नोएडा डीसीपी कार्यालय से अनुमति लेकर 27 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। सुबह 6 बजे से पुलिस मौके पर मौजूद रही ताकि कोई अव्यवस्था न हो।
दुल्हन को विदा कर ले गया दूल्हा
शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे, दूल्हा अमन राजपूत हेलीकॉप्टर में दुल्हन को लेकर अपने गांव ककोड़ रवाना हो गया। हेलीकॉप्टर की आवाज ने पूरे इलाके में उत्साह भर दिया। यह एक ऐसा पल था, जिसने सभी की आंखों को आकर्षित किया और हर किसी के दिल में यह बात बैठ गई कि सुभाष सिंह ने अपनी बेटी के लिए कुछ बेहद खास किया।
भव्यता के पीछे मुआवजे का योगदान
इस शादी की भव्यता को लेकर ग्रामीणों में चर्चा थी कि यह मुआवजे की ताकत का परिणाम है। यमुना प्राधिकरण द्वारा मिले मुआवजे ने सुभाष सिंह को इस स्तर पर खर्च करने का अवसर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि यह केवल आर्थिक समृद्धि का प्रदर्शन नहीं, बल्कि बेटी के प्रति पिता के गहरे स्नेह और उसकी इच्छाओं को पूरा करने का प्रतीक है।
विदाई का ऐसा पल, जिसे भुला नहीं पाएंगे लोग
अंजली की शादी और विदाई ने केवल उनके परिवार को नहीं, बल्कि पूरे गांव और आसपास के इलाके को यादगार पल दिए। हेलीकॉप्टर से विदाई का यह दृश्य ऐसा था, जिसे सात पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।
यह शादी न केवल मुआवजे की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि एक पिता अपनी बेटी की खुशी के लिए किस हद तक जा सकता है। सुभाष सिंह का यह कदम उनकी बेटी के प्रति उनके स्नेह और सम्मान का प्रतीक बन गया।