दिव्यांग छात्रों को मोहन यादव की यह स्कीम बना देगी डॉक्टर इंजीनियर करना होगा यह छोटा सा काम- Mohan Yadav Govt Scholarship


मध्य प्रदेश सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिए एक बड़ी पहल की है, जिससे वे शिक्षा में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। सरकार द्वारा चलाए जा रहे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत, दिव्यांगों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, अब 9वीं कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक के दिव्यांग छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी जाएगी।


पेंशन योजना के बारे में जानकारी:


इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना 2009 से संचालित है। यह योजना शारीरिक रूप से असहाय लोगों को पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को सहायता देना है जिनकी दिव्यांगता 45% या उससे अधिक है और उनकी उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच हो। योजना के तहत 600 रुपए प्रतिमाह की पेंशन दी जाती है। इस योजना का संचालन मध्यप्रदेश सामाजिक न्याय विभाग द्वारा किया जाता है।

पेंशन का लाभ लेने के लिए सबसे पहले, उम्मीदवार को अपने संबंधित जिला विकलांगता बोर्ड से विकलांगता सर्टिफिकेट बनवाना होता है। इसके साथ तीन फोटो, जन्म प्रमाणपत्र, और विकलांगता प्रमाणपत्र के साथ आवेदन संबंधित नगरीय निकाय के कार्यालय में जमा करना होता है। इन दस्तावेजों की जांच के बाद पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में दिव्यांगों को आर्थिक मदद मिल रही है, जिससे उनके जीवन की बुनियादी आवश्यकताएं पूरी हो रही हैं।


दिव्यांग छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना:


दिव्यांग छात्र-छात्राओं की बेहतर शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा स्कॉलरशिप योजना भी शुरू की गई है। इस योजना के तहत, 31 अक्टूबर तक आवेदन करने की अंतिम तिथि है। यह योजना 9वीं कक्षा से लेकर पोस्टग्रेजुएशन तक के छात्रों के लिए लागू होती है।

स्कॉलरशिप योजना के तहत छात्रों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय लाभ दिए जाते हैं। इसके तहत प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्तियों में विभिन्न सहायता दी जाती है:

  • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति:
    • डे स्कॉलर को 500 रुपए प्रति माह, जबकि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को 800 रुपए प्रति माह दिया जाता है।
    • पुस्तक अनुदान के रूप में 1,000 रुपए प्रति वर्ष का अनुदान भी दिया जाता है।
    • दृष्टिबाधित या बौद्धिक दिव्यांगता वाले छात्रों को 4,000 रुपए प्रतिवर्ष, जबकि अन्य प्रकार की दिव्यांगता वालों को 2,000 रुपए प्रतिवर्ष दिया जाता है।
  • पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति:
    • इसमें छात्रों को मासिक आधार पर 900 से 1,600 रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके साथ ही सरकार इन छात्रों को फैलोशिप भी देती है, ताकि वे अपनी पढ़ाई में पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें।

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर लॉग इन करके इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के माध्यम से छात्रों को शैक्षणिक खर्चों को कम करने में मदद मिलती है, जिससे वे अपनी शिक्षा को निर्बाध रूप से जारी रख सकते हैं।


अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:


सरकार का उद्देश्य दिव्यांग छात्रों को आर्थिक मदद प्रदान करके उनकी शिक्षा को सशक्त बनाना है। इस प्रकार के वित्तीय लाभ से छात्रों को न केवल उनकी पढ़ाई में मदद मिलती है, बल्कि यह योजना उनके आत्मविश्वास और जीवन में सकारात्मकता लाने का काम करती है।

स्कॉलरशिप के माध्यम से मिलने वाली आर्थिक मदद से वे अपनी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, चाहे वह किताबें खरीदनी हों, स्कूल की फीस भरनी हो, या किसी अन्य शैक्षणिक सामग्री की जरूरत हो।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना और समाज में उन्हें समान अवसर प्रदान करना है।


निष्कर्ष:


मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे ये प्रयास दिव्यांगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की यह पहल न केवल छात्रों को शैक्षिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनाएगी। स्कॉलरशिप और पेंशन जैसी योजनाएं समाज के उन वर्गों को सशक्त बनाती हैं जो सामाजिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना कर रहे होते हैं।

दिव्यांगों के लिए ऐसी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने में सहायता मिले।