NEW Noida Master plan 2041 की जमीन अधिग्रहण की तैयारी तेज: प्राधिकरण खोलेगा नया दफ्तर, 84 गांवों के किसानों को मिलेगा मुआवजा


दिल्ली-एनसीआर (NCR) में जल्द ही एक नए शहर की स्थापना होने जा रही है, जिसे न्यू नोएडा के नाम से जाना जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य दादरी, नोएडा, और गाजियाबाद के आसपास के क्षेत्रों को समाविष्ट करते हुए एक आधुनिक शहर का विकास करना है। इसके तहत, दादरी और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन पर दादरी, नोएडा, गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (DNGIR) विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से लगभग 20,000 किसानों को मुआवजा मिलेगा।


जमीन अधिग्रहण के लिए तैयारियां शुरू


नोएडा प्राधिकरण के सीईओ, डॉ. लोकेश एम ने इस प्रोजेक्ट को तेजी से लागू करने के लिए एक बैठक की, जिसमें परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। उन्होंने परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य रखा। इसी संदर्भ में, 26 अक्टूबर को नोएडा प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक में न्यू नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण की मंजूरी दी गई थी। अब अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होते ही 84 गांवों के किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।



अस्थायी दफ्तर की स्थापना और अवैध निर्माण पर कड़ा रुख


इस परियोजना के कार्यान्वयन को सुचारू बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण एक अस्थायी कार्यालय की स्थापना करेगा। यह कार्यालय ईस्टर्न पेरिफेरल के पास खोला जाएगा, जहां भूलेख और सिविल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी नियमित रूप से काम करेंगे। इसके अलावा, एरियल फोटो और सैटेलाइट तस्वीरों का उपयोग करके क्षेत्र का सर्वेक्षण भी किया जाएगा, ताकि इस योजना में किसी भी तरह का अवैध निर्माण न हो। यदि DNGIR क्षेत्र में अवैध निर्माण होता है, तो प्राधिकरण सख्त कार्यवाही करेगा।


चार चरणों में होगा न्यू नोएडा का विकास


न्यू नोएडा का विकास चार चरणों में किया जाएगा। मास्टर प्लान के अनुसार, इस क्षेत्र का विकास 209.11 वर्ग किलोमीटर (20,911.29 हेक्टेयर) में किया जाएगा। पहले चरण में 2023 से 2027 तक 3,165 हेक्टेयर जमीन विकसित की जाएगी। इसके बाद 2027 से 2032 तक 3,798 हेक्टेयर, 2032 से 2037 तक 5,908 हेक्टेयर, और 2037 से 2041 तक 8,230 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जाएगा। वर्तमान में इन 84 गांवों में लगभग 1,20,000 लोग रहते हैं, और प्रक्षेपण के अनुसार, 2041 तक यह आबादी 6,33,000 तक पहुंचने की संभावना है।


सुविधाओं का विकास 6 लाख की अनुमानित आबादी के अनुसार


बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के 84 गांवों को शामिल करते हुए बसाए जाने वाले न्यू नोएडा में अनुमानित आबादी लगभग 6 लाख होगी। इस विशाल आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान में विभिन्न प्रकार की जमीन आवंटित की गई है:

  • रेजिडेंशियल यूज: 2,810.54 हेक्टेयर जमीन
  • ग्रीनरी और पार्क: 1,792.26 हेक्टेयर जमीन
  • ट्रांसपोर्टेशन: 2,963.61 हेक्टेयर जमीन
  • इंडस्ट्रील यूज: 8,440 हेक्टेयर जमीन
  • कॉमर्शियल यूज: 849.97 हेक्टेयर जमीन

यह योजनाबद्ध ढांचा एक संतुलित विकास की परिकल्पना को ध्यान में रखता है।


किसानों के मुआवजे के लिए योजनाएं


प्राधिकरण का उद्देश्य है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत न हो और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा मिले। अनुमानित 84 गांवों के किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।


आर्थिक और सामाजिक प्रभाव


न्यू नोएडा परियोजना दिल्ली-एनसीआर के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है, जिससे न केवल बुनियादी ढांचे में वृद्धि होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह परियोजना नई आर्थिक संभावनाओं का द्वार खोल सकती है, जो स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार ला सकती है।


निष्कर्ष


न्यू नोएडा परियोजना का मास्टर प्लान चार चरणों में एक सुव्यवस्थित शहर का निर्माण करने का लक्ष्य रखता है, जो आधुनिक सुविधाओं और संरचनाओं से युक्त होगा। इसके माध्यम से दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को एक और उन्नत क्षेत्र मिलेगा, जहां आवास, परिवहन, और इंडस्ट्रीज के लिए पर्याप्त व्यवस्था होगी।