वाह री यूपी पुलिस! 7 लाख लौटाने आए शख्स को रायबरेली पुलिस ने जेल में डाला, 12 दिन बाद बेगुनाह साबित हुआ
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक अजीबोगरीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति को निर्दोष होते हुए भी पुलिस की लापरवाही के चलते जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया गया। मामला तब और गंभीर हो गया जब यह व्यक्ति एक ईमानदार नागरिक की तरह 7 लाख रुपये लौटाने के लिए आया था, लेकिन पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। 12 दिन बाद जब उसकी बेगुनाही साबित हुई, तब जाकर उसे रिहाई मिली। यह घटना पुलिस की लापरवाही और असंवेदनशीलता को उजागर करती है और साथ ही न्यायिक प्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। आइए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी और इसके प्रभावों के बारे में।
टीपू ने बताया कि यह घटना 20 अगस्त की रात की है जब वह आरो का पानी लेने जा रहा था रास्ते में उसे एक पड़ा हुआ बैग दिखा तो वह रुक गयाऔर उसके साथ में तीन लोग थे जिसके बाद उसे बैग को लेकर घर चला आया और इसके बारे में प्रधान को भी सूचना दी और अगले दिन वह बैग को वापस करने के लिए थाने पहुंच गया
रायबरेली में हुई यह घटना, जहां एक निर्दोष व्यक्ति को 7 लाख रुपये लौटाने के लिए थाने पहुंचने पर ही लुटेरा घोषित कर दिया गया और 12 दिन तक जेल में रखा गया, बेहद गंभीर है। यह घटना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है बल्कि पूरे कानून व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
घटनाक्रम:
ईमानदारी की मिसाल: एक व्यक्ति सड़क पर मिला 7 लाख रुपये का बैग लेकर थाने पहुंचा। उसका इरादा था कि वह यह पैसा पुलिस को सौंप दे।
पुलिस की गलतफहमी: पुलिस ने इस व्यक्ति को ही लुटेरा समझ लिया। शायद पुलिस को लगा कि व्यक्ति इस पैसे को खुद ने चुराया है और अब झूठ बोल रहा है।
गिरफ्तारी और जेल: बिना किसी ठोस सबूत के पुलिस ने व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।
सच्चाई का खुलासा: 12 दिन बाद जांच में पता चला कि व्यक्ति पूरी तरह से निर्दोष था। उसने वास्तव में ही सड़क पर मिला पैसा पुलिस को सौंपने की कोशिश की थी।