Sharda Sinha Passes Away: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद कहा अलविदा :-
भोजपुरी और मैथिली संगीत की प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं और अंततः मंगलवार रात 9:20 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया। एम्स अस्पताल के अनुसार, सेप्टिसीमिया के कारण उत्पन्न रिफैक्टरी शॉक की वजह से उनकी मृत्यु हुई।
कैंसर से लंबी लड़ाई
शारदा सिन्हा को 2018 से Multiple Myeloma (बोन मैरो कैंसर) की बीमारी थी। हाल ही में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एम्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे से संपर्क कर उनका हाल भी पूछा था। दुर्भाग्यवश, सभी प्रयासों के बावजूद वह इस बीमारी से उबर नहीं सकीं और उनकी संगीत यात्रा का अंत हो गया।
लोक संगीत की अद्वितीय आवाज
शारदा सिन्हा का नाम लोक संगीत में विशेष रूप से छठ पर्व के गीतों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने भोजपुरी और मैथिली के अलावा हिंदी और अन्य भाषाओं में भी कई लोकप्रिय गीत गाए हैं। बॉलीवुड में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा, खासतौर पर "मैंने प्यार किया" और "हम आपके हैं कौन" जैसी सुपरहिट फिल्मों में उनके गाए गाने आज भी लोकप्रिय हैं।
जीवन और करियर की झलक
1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में जन्मीं शारदा सिन्हा का ससुराल बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में है। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने मैथिली लोकगीतों से की थी और जल्दी ही वे भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय लोक संगीत में भी एक प्रमुख आवाज बन गईं। उनकी मधुर आवाज और छठ के गीतों में उनकी विशेष पकड़ ने उन्हें बिहार की 'कोकिला' का दर्जा दिलाया।
सम्मान और पुरस्कार
शारदा सिन्हा को उनके असाधारण योगदान के लिए कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए। 1992 में उन्हें पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उनके निधन से भारतीय संगीत जगत को एक बड़ी क्षति हुई है और उनकी आवाज हमेशा श्रोताओं के दिलों में बसी रहेगी।
शारदा सिन्हा का जाना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि उनके प्रशंसकों और भारतीय लोक संगीत के लिए भी अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा, और उनके गाए गीत हर त्योहार पर उनकी मौजूदगी का अहसास दिलाते रहेंगे।