झारखंड सिपाही भर्ती में 10 किलोमीटर दौड़ से 11 अभ्यर्थियों की मौत: जानें बिहार, यूपी समेत दूसरे राज्यों के नियम
हाल ही में झारखंड में सिपाही भर्ती के दौरान 10 किलोमीटर की दौड़ में 11 अभ्यर्थियों की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल झारखंड पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाती है, बल्कि अन्य राज्यों में भी इस तरह की शारीरिक परीक्षाओं के दौरान अपनाए जाने वाले नियमों और सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित करती है।
घटना का विवरण
झारखंड सिपाही भर्ती प्रक्रिया के तहत आयोजित 10 किलोमीटर की दौड़ में कई अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। लेकिन इस दौड़ के दौरान 11 अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इन मौतों का मुख्य कारण अत्यधिक थकावट, डिहाइड्रेशन और चिकित्सा सुविधा की कमी बताई जा रही है।
यह घटना बेहद दुखद और चिंताजनक है, खासकर जब ऐसे शारीरिक परीक्षणों के लिए उम्मीदवार महीनों तक कड़ी मेहनत करते हैं। इस मामले ने पुलिस भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भर्ती के नियम
जब शारीरिक परीक्षाओं की बात आती है, तो भारत के विभिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न नियम और प्रक्रियाएँ हैं। आइए जानते हैं कि बिहार, उत्तर प्रदेश, और अन्य प्रमुख राज्यों में पुलिस भर्ती के दौरान शारीरिक परीक्षाओं के क्या नियम हैं और वे कैसे झारखंड की घटना से अलग हैं:
1. बिहार:
बिहार में सिपाही भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षा के तहत 1.6 किलोमीटर की दौड़ होती है, जिसे पुरुष अभ्यर्थियों को 6 मिनट के भीतर पूरा करना होता है। वहीं, महिला अभ्यर्थियों के लिए यह दूरी 1 किलोमीटर होती है, जिसे उन्हें 5 मिनट के भीतर पूरा करना होता है।
इसके अलावा, बिहार में दौड़ के बाद अभ्यर्थियों को मेडिकल चेकअप और अन्य शारीरिक परीक्षणों से भी गुजरना पड़ता है। अभ्यर्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाती है।
2. उत्तर प्रदेश:
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में पुरुष अभ्यर्थियों को 4.8 किलोमीटर की दौड़ 25 मिनट में पूरी करनी होती है, जबकि महिला अभ्यर्थियों को 2.4 किलोमीटर की दौड़ 14 मिनट में पूरी करनी होती है।
यूपी में भी दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों की सेहत का ध्यान रखने के लिए एम्बुलेंस और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की जाती है। इसके अलावा, दौड़ के बाद भी अभ्यर्थियों को आराम करने के लिए समय दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्याओं से बचा जा सके।
3. राजस्थान:
राजस्थान पुलिस भर्ती में पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 5 किलोमीटर की दौड़ होती है, जिसे उन्हें 25 मिनट में पूरा करना होता है। महिला अभ्यर्थियों को 2.5 किलोमीटर की दौड़ 14 मिनट में पूरी करनी होती है।
राजस्थान में भी दौड़ के दौरान चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं और अभ्यर्थियों की सेहत का पूरा ख्याल रखा जाता है।
4. महाराष्ट्र:
महाराष्ट्र पुलिस भर्ती में पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 5 किलोमीटर की दौड़ निर्धारित है, जबकि महिला अभ्यर्थियों के लिए यह दूरी 3 किलोमीटर है। समय सीमा के आधार पर अंकों का वितरण किया जाता है।
यहाँ भी शारीरिक परीक्षाओं के दौरान मेडिकल टीम की मौजूदगी सुनिश्चित की जाती है और अभ्यर्थियों को आवश्यकतानुसार चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है।
झारखंड की घटना से सबक और सुधार की आवश्यकता
झारखंड की इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि शारीरिक परीक्षाओं के दौरान सुरक्षा उपायों में लापरवाही नहीं बरती जा सकती। अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में 10 किलोमीटर की दौड़ को पूरा करना न केवल चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह अत्यधिक शारीरिक तनाव भी पैदा कर सकता है।
झारखंड सरकार और पुलिस विभाग को इस घटना से सबक लेते हुए अपनी भर्ती प्रक्रिया में सुधार करने की आवश्यकता है। शारीरिक परीक्षाओं के दौरान निम्नलिखित सुधार किए जा सकते हैं:
दूरी और समय सीमा का पुनः आकलन: दौड़ की दूरी और समय सीमा को यथासंभव कम किया जाना चाहिए, ताकि अभ्यर्थियों की शारीरिक क्षमता के अनुसार इसे पूरा किया जा सके।
चिकित्सा सुविधा: दौड़ के दौरान पर्याप्त मेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
शारीरिक तैयारी: अभ्यर्थियों को दौड़ से पहले पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए ताकि वे शारीरिक रूप से तैयार हो सकें।
नियमित चिकित्सा जांच: दौड़ से पहले और बाद में अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच अनिवार्य की जानी चाहिए, ताकि उनकी शारीरिक स्थिति की सही जानकारी मिल सके।
हाइड्रेशन और पोषण: अभ्यर्थियों को दौड़ के दौरान और बाद में हाइड्रेशन और पोषण की उचित व्यवस्था दी जानी चाहिए, ताकि उनकी ऊर्जा और सेहत बनी रहे।