यह फल ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे समेत कई बीमारियों में फायदेमंद, पर खरीदना है मुश्किल
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। तापमान में अचानक बदलाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में खानपान पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। खास बात यह है कि सर्दियों में कुछ खास सुपरफूड्स उपलब्ध होते हैं, जो न सिर्फ इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं, बल्कि कई बीमारियों से बचाव भी करते हैं। ऐसा ही एक सुपरफूड है ताड़ के अंकुर।
क्या है ताड़ के अंकुर?
ताड़ के अंकुर, जिन्हें पाल्मीरा स्प्राउट्स या पाम स्प्राउट्स भी कहते हैं, बेहद पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं। इन्हें भूनकर या उबालकर खाया जा सकता है। यह प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होता है। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल और फैट कम होता है।
ताड़ के अंकुर के फायदे:
एनीमिया में फायदेमंद
ताड़ के अंकुर आयरन से भरपूर होते हैं, जो एनीमिया के मरीजों के लिए लाभकारी है। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।वजन घटाने में मददगार
इसमें प्रोटीन और फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जो भूख को नियंत्रित करता है और लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास कराता है। इसे अपने आहार में शामिल कर वजन कम किया जा सकता है।ब्लड शुगर कंट्रोल
ताड़ के अंकुर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है, जिससे शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है।हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
इसमें मौजूद ओमेगा-3 और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड हृदय रोगों का खतरा कम करते हैं और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखते हैं।
भारत में कहां पाए जाते हैं ताड़ के अंकुर?
ताड़ के अंकुर मुख्य रूप से तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में उगाए जाते हैं। इनकी खेती जनवरी से मार्च के बीच होती है। ताड़ के अंकुर की खास बात यह है कि इसे भूनकर, उबालकर या पाउडर बनाकर उपयोग में लाया जा सकता है।
कैसे करें सेवन?
- ताड़ के अंकुर को हल्दी और नमक के साथ कुकर में पांच सीटी तक उबालें।
- इसे छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर नाश्ते में खा सकते हैं।
- इसका जूस बनाकर या सूखा पाउडर बनाकर भी सेवन किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
ताड़ के अंकुर न सिर्फ सर्दियों में शरीर को बीमारियों से बचाने में मददगार हैं, बल्कि यह एक संपूर्ण पोषण भी प्रदान करते हैं। हालांकि, इनकी उपलब्धता मुश्किल हो सकती है, लेकिन अगर आप इन्हें अपने आहार में शामिल कर लेते हैं, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव का एक सरल और प्राकृतिक उपाय हो सकता है।